दैनिक भास्कर
Jun 15, 2020, 06:08 PM IST
उमेश कुमार उपाध्याय, मुंबई।. बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत अब हमारे बीच नहीं हैं। सोमवार शाम मुंबई के विले-पार्ले श्मशान घाट पर उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। सुशांत काफी जिंदादिल शख्स थे, जिसका अंदाजा दैनिक भास्कर के साथ अलग-अलग वक्त पर हुई उनकी बातचीत के आधार पर लगाया जा सकता है। ऐसी ही कुछ मुलाकातों से निकली भूली-बिसरी यादों को हम आपको यहां बता रहे हैं।
सुशांत का फैसला सुन परिवार वाले रह गए थे शॉक्ड:
सुशांत ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ थिएटर करना शुरू कर दिया था, लेकिन उनके परिवार वालों को इसकी भनक दो-तीन सालों तक नहीं लगी। फिल्म ‘धोनी’ की रिलीज के वक्त सुशांत ने बताया था, ‘इंजीनियरिंग करते वक्त मैं हॉस्टल में रहता था। इस दौरान थिएटर और श्यामक डावर के साथ डांस करता रहा, जिसका खर्च 12वीं के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाकर निकाल लेता था, इसके लिए मुझे ढाई सौ रुपए प्रति घंटे मिलते थे। परिवार वालों को जब एक्टिंग करने की बात बताई तो वे शॉक्ड रह गए। उन्होंने कुछ बोला ही नहीं और मैं उसका फायदा उठाकर इस लाइन में आ गया।’
अपनों से बिछुड़ने को लेकर भी किया था खुलासा:
सुशांत ने बताया था, ‘2002 में जब मैं 17 साल का था, तब मेरी मां गुजर गई। तब उनकी उम्र कुछ 40 साल रही होंगी। उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और वो अचानक चली गईं। तब मुझे पता चला कि रिश्ते कितनी जल्दी खत्म हो सकते हैं। फिर चाहे वो कितने भी जरूरी क्यों ना हो। कई बार तो मौका भी नहीं मिलता कि इस पर कुछ बोल सकें। इसलिए बहुत जल्दी यह बात समझ में आ गई थी कि जो चीज बहुत अच्छी है, वो हमेशा नहीं रहेगी। जब आपको जिंदगी की सच्चाई पता होती है, तो चीजें आपको कम प्रभावित करती हैं।’
पढ़ाई में अव्वल थे सुशांत सिंह राजपूत:
सुशांत ने कहा था, ‘जब मैं इंजीनियरिंग कर रहा था तब डांस और थिएटर करने की वजह से मेरे नंबर काम आते थे। तब वहां के लोगों को लगता था कि यह आगे चलकर कुछ नहीं कर पाएगा लेकिन दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के मोस्ट फेमस लोगों में मेरा नाम टॉप में दूसरे नंबर पर आता है, जबकि मैंने तीसरे साल पढ़ाई छोड़ दी थी।’
काले कपड़ों के साथ दुर्भाग्यपूर्ण संयोग रहा:
आखिरी समय में जब सुशांत को फांसी के फंदे से उतारा गया तो उन्होंने ब्लैक टी-शर्ट पहन रखी थी। दिल्ली में जब उनका पहला एक्सीडेंट हुआ था तब भी वे काले कपड़ों में थे। पहली दुर्घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया था कि ‘मैं कॉलेज में था, तब दिल्ली स्थित रिंग रोड पर चल रहा था। मैं ब्लैक टी-शर्ट और ब्लैक जींस पहने हुए था। मेरे पीछे से ट्रैफिक आ रहा था, बस जा रही थी। तभी अचानकर लेफ्ट से बाइक वाले ने अचानक उसे ओवरटेक किया, और मैं उसकी चपेट में आ गया। वो मुझे करीब 10 मीटर तक घसीटते हुए लेकर गया था और मुझे काफी चोटें लगी थीं।
टिफिन को लेकर हुआ था पहला झगड़ा:
कम लोगों को पता होगा कि सुशांत सिंह के पहले दोस्त का नाम अंकित है, जो कि स्कूल में उनके साथ पढ़ते थे। सुशांत का पहला झगड़ा भी स्कूल में टिफिन बॉक्स को लेकर हुआ था। तब उनकी उम्र करीब सात-आठ साल रही होगी। तब मारपीट में उनकी नाक से खून बहने लगा था। सुशांत जब आठवीं क्लास में पढ़ते थे, तब उन्हें दसवीं की एक लड़की पर क्रश हो गया था।
सेंट्रो थी सुशांत की पहली कार:
सुशांत ने पहली कार कॉलेज के दिनों में ली थी, जो कि सेंट्रो थी। थिएटर में सुशांत का काम देखने के बाद ही कास्टिंग डायरेक्टर ने उन्हें ‘किस देश में है मेरा दिल’ सीरियल के लिए कास्ट किया था। इसी सीरियल के लिए उन्होंने पहली बार कैमरे का सामना किया था। सुशांत की पहली देखी फिल्म ‘जुरासिक पार्क’ थी। बचपन में वे शाहरुख खान की फिल्मों को देखकर उनकी नकल उतारा करते थे।
सुबह उठकर सबसे पहले काफी पीते थे:
बातचीत में सुशांत ने बताया था कि सुबह उठने के बाद वे सबसे पहले कॉफी पीते थे। अपने सपने का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया था कि इंजीनियरिंग करना उनका सपना नहीं था। उन्होंने बताया था कि ‘मुझे धक्के मारकर पढ़ाया गया और मैं पढ़ रहा था, लेकिन इंजीनियरिंग करना कभी मेरा सपना नहीं था। सपने तो मुझे तब आते थे, जब मैं शाहरुख खान की फिल्में देखता था।’